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Thursday, September 1, 2011

शिक्षक दिवस : आज के शिक्षक अन्ना हजारे!

आज का शिक्षक मैं अन्ना हजारे को मानता हूँ.

हम अपना सामाजिक व समुहयुक्त जीवन कैसे जिएं ?इसका संदेश अन्ना का जीवन देता है.जो सोंचते हैं कि लोग मेरे सहयोग मेँ कोई आगे नहीं आता व समाज में सब स्वार्थी होते हैँ.वे अपने मन को शान्त कर जरा अपने बारे मेँ सोँचें कि हमने कब किसी की निस्वार्थ भाव से मदद करनी चाही है ?हममेँ क्या दूसरों के प्रति परोपकार की भावना रही है.?

अन्ना के जीवन से सिद्ध होता है कि दूसरों के लिए त्याग व समर्पण करने वाले कभी अकेले व तन्हा नहीं होते.

जीवन मेँ कुछ पाना है तो नैतिकता ,चरित्र ,,समर्पण,ज्ञान,दया,परोपकार, ,मधुरता, उत्साह,साहस, आदि को स्वीकारना आवश्यक है.


हम युवक चाहें तो 73 वर्षीय अन्ना हजारे से काफी कुछ सीख सकते हैँ.देखा जाये तो हम ईमानदारी से न ही स्वार्थी हैं न ही परमार्थी. यदि हम अपने व अपने समाज का भला चाहते हैं तो हम अपने आराध्य को निरन्तर स्मरण मेँ रखते हुए अपने कैरियर के लिए परिश्रम करते हुए अन्ना हजारे के विचारों पर चलने का प्रयत्न करें.समाज के बीच द्वेष जाति भावना से ऊपर उठ देश की एकता व अखण्डता के लिए जीना सीखेँ.

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मेरें Nokia फ़ोन से भेजा गया

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