समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का समर्थन किया है लेकिन वह न तो जन लोकपाल बिल के प्रारुप से सहमत हैं और न ही सरकारी लोकपाल बिल के प्रारुप से.उन्होने कहा कि उनकी पार्टी अपनी राय लोकसभा स्टैंडिंग कमेटी के समक्ष रखेगी.
देखा जाए तो संविधान से ऊपर कोई नहीं है.प्रधानमंत्री व न्यायपालिका को भी लोकपाल विधेयक के अन्तर आना ही चाहिए.सपा कार्यकर्ता व नेता वास्तव मेँ समाजवादी हैं भी की नहीं? मैं साम्यवादी विचार का पक्षधर रहा हूँ.न दक्षिण न वामपंथी वरन दोनों का समअस्तित्व.पौराणिक कथाओं में इसी समअस्तित्व की परिकल्पना है-श्री अर्द्धनारीश्वर .
----------
मेरें Nokia फ़ोन से भेजा गया
No comments:
Post a Comment