कांग्रेस पार्टी अन्ना हजारे को महात्मा कहे जाने पर तीव्र आक्रोश व्यक्त कर रही है किन्तु कांग्रेस का आक्रोश राष्ट्र का जनमानस की समझ से परे है .राष्ट्र का जनमानस कांग्रेसी पुरोधाओं से जानना चाहता है कि यदि अन्ना हजारे महात्मा नहीँ है तो क्या कांग्रेस ए राजा ,कनीयोझी, सुरेश कलमाड़ी , शीला दीक्षित सरीखों को महात्मा मानती है. अन्ना हजारे को महात्मा न मानने को लेकर दिया गया कांग्रेस का यह तर्क भी कुतर्क की श्रेणी मेँ ही रखा जा सकता है कि महात्मा राष्ट्र मेँ केवल बापू को ही माना जा सकता है .निश्चित तौर पर राष्ट्रपिता गांधी महात्मा की श्रेणी मेँ आते हैं किन्तु इसका यह भी मतलब नहीं कि गांधी जी से पूर्व या उनके बाद राष्ट्र मेँ किसी अन्य को महात्मा की उपाधि नहीं दी जा सकेगी.स्वामी विवेकानन्द ,रामकृष्ण परमहंस , महर्षि दयानन्द , पं.मदनमोहन मालवीय,बाल गंगाधर तिलक ,लाला लाजपत राय व नेता जी सुभाष चंद्र बोस को भी महात्मा की ही श्रेणी मेँ रखा जाएगा.
20.10.2011,वृहस्पतिवार
पाठकनामा,दैनिक जागरण. बरेली ,उप्र
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