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Saturday, August 22, 2020

बुध अष्टमी; झूसी की स्थापना, इला से विवाह::अशोकबिन्दु

 हमें तो जाना है कि बुद्ध व मनु(सूर्य) साकेत क्षेत्र में आ गए थे।

बुद्ध ने वर्तमान प्रयाग स्थान पर एक नगर बसाया, जिनका विवाह मनु(सूर्य)पुत्री इला के साथ हुआ। भारतीय पौराणिक कथाओं में प्रयाग का बड़ा महत्व है।एक जगत मूल से प्रकृति व प्राणी सरक्षण हेतु एक शक्ति विष्णु बाल्य रूप में यहीं अवतरित हुई, ऐसा कहा जाता है।


इला, अल, यल्ह, आल, all ....आदि शब्दों की उत्पत्ति भाषा विज्ञान में एक ही भारोपीय भाषा मूल के केंद्रीय आर्य भाषा के शब्द से मानी जाती है। इस पर अभी और शोध करने की जरूरत है कि इलाहाबाद में इलाहा शब्द कहीं यहीं से तो नहीं।

बताते है न,प्रियव्रत व उनका कबीला कूर्मअंचल/उत्तराखण्ड, साइबेरिया का क्षेत्र रहा ही, उसकी धमक यूरोप के रोम तक थी।रोम की स्थापना प्रियव्रत ने ही की थी।रोम का प्राचीन पुरातत्विक आधार भारतीय ही है।भाषा विज्ञान के अनुसार रोमन भाषा व कुमायूं भाषा में अनेक शब्द कामन हैं। उत्तानपाद के भाई प्रियव्रत के पुत्र आग्नीध्र अर्थात ध्रुव के चचेरे भाई की नौ सन्ताने थीं।जिनमे से एक सन्तान थी-कुरू। आगे चल कर कुरु उत्तराखण्ड, चीन, साइबेरिया, कोरिया आदि क्षेत्र के राजा बने थे। किसी को आपत्ति हो तो हो।हम कहना चाहेंगे कि ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य के अलावा क्या सब शुद्र है?इस सवाल पर विद्वान व शास्त्र ज्ञाता सवर्णों तक का कहना है कि नहीं।ऐसा नहीं।अशोक सिंघल भी ऐसा कुछ कह चुके हैं।पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ आदि भी ऐसा कह रहे हैं। इस पर भी चर्चा की जरूरत है कि शक,हूढ़ आदि वर्तमान में कहां खफ गए?एक शब्द है युरोशियन,ये भारत में किन लोगों में खफे हुए हैं?


#शेष

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