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Thursday, September 16, 2010

/हर हालत मेँअमन की प्यास : हाशिम अंसारी

----Forwarded Message----
From: akvashokbindu@yahoo.in
To: akvashokbindu@yahoo.in
Sent: Fri, 17 Sep 2010 08:44 IST
Subject: <BABARI MSJID PUNRNIRMAN SAMITI>


/हर हालत मेँअमन की प्यास : हाशिम अंसारी

साठ साल से बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक की लड़ाई लड़ने वाले 90वर्षीय बुजुर्ग हाशिम अंसारी द्वारा गंगा जमुनी तहजीब का सम्मान करना सराहनीय है.उनसे हमेँ सीख मिलती है कि हमे अपने मत मेँ तो जीना चाहिए लेकिन मतभेद मेँ नहीँ.हाशिम गंगा जमुनी संस्कृति मेँ पले बढ़े , जहां बारावफात के जुलूस पर हिन्दू फूल बरसाते हैँ और नव रात्रि के जुलूस पर मुसलमान फूलोँ की बारिश करते हैँ.06दिसम्बर1992 के
बलवे मेँ बाहर से आये दंगाइयोँ ने उनका घर जला दिया पर अयोध्या के हिन्दुओँ ने उन्हेँ और उनके परिवार को बचाया.मुआवजा से अपना घर दोबारा बनवाया और एक पुरानी अम्बेसडर कार खरीदी.बेटा मो0 इकबाल इससे अक्सर हिन्दु तीर्थयात्रियोँ को मन्दिरोँ के दर्शन कराते हैँ.हाशिम सभी पार्टी के मुस्लिम नेताओँ व कांग्रेस पार्टी से काफी नाराज हैँ.स्थानीय हिन्दू साधु सन्तोँ से उनके रिश्ते खराब
नहीँ हुए हैँ. हाशिम कहते हैँ कि मैँ सन49 से मुकदमेँ की पैरवी कर रहा हूँ लेकिन आज तक किसी हिन्दू ने एक लफ्ज गलत नहीँ कहा,हमारा उनसे भाईचारा है वे हमको दावत देते हैँ,मैँ उनके यहाँ सपरिवार दावत खाने जाता हूँ.विवादित स्थल के दूसरे दावेदारोँ मेँ से भी कुछ लोगोँ से दोस्ती रही है.


हाशिम पिछले साल हज के लिए मक्का गये तो कई जगह उन्हेँ भाषण देने के लिए बुलाया गया.हाशिम ने वहाँ लोगोँ को बताया कि हिन्दुस्तान मेँ मुसलमानोँ कितनी आजादी है और यह कई मुस्लिम मुल्कोँ से बेहतर है.


वास्तव मेँ अपने मत मेँ जीना अलग बात है तथा भाईचारे मेँ रहना अलग बात है.हमेँ इस सत्य को स्वीकार करना चाहिए कि दुनिया के धर्म धर्म नहीँ हैँ वरन व्यक्ति को धर्म की ओर ले जाने वाले पन्थ हैँ . बात है यदि अयोध्या जैसे विवादोँ की,यह सब विवाद बेईमानी व अपने पन्थ से भटकने के कारण होते हैँ.कोई पन्थ का दर्शन हमेँ सत्य से मुकरना नहीँ सिखाता न ही किसी निर्दोष को सताना न ही गैरपन्थ के
लोगोँ का अपमान करना.


जय कुरुआन!जय कुरुशान!!

JAI HO OM...AAMIN ...!

1 comment:

वीना श्रीवास्तव said...

आपने ठीक कहा है...वैसे भी आमजन में तो वही प्यार है..लड़ाने वाले और राजनीतिक रोटियां सेकने वाले हमारे नेता है वर्ना आज भी पुराने मोहल्लों में लोग मिलकर ही रहते हैं...