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Saturday, April 30, 2011

भारत का भला गुटनिरपक्ष नीति ही से.

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मै इससे पूर्व अनेक बार कह चुका हूं कि भविष्य मे चीन व मुस्लिम देश एक मंच पर होंगे .अमेरीका अपनी राईफले भारत के कन्धे पर रख चीन पर निशाना साधने की है.भारत मे ऐसी स्थिति मुस्लिम व्यवहार गृह स्थिति पैदा कर सकते है.हालांकि भारतीय मुसलमान दुनिया के शेष मुसलमानों से हट कर है.गैरमुसलमानों के संग रहते रहते वह गैरमुसलमानों के दर्द को भी समझता है,यदि कुछ कट्टरपंथी मुसलमानों को छोड़ दें.अगला विश्वयुद्ध एशिया से ही लड़ा जाना है.अमेरीका की फौजें भारत मे अपना ठिकाना बना सकती हैं .युद्ध का क्या परिणाम होता है?इसे कुण्ठित व निष्ठुर व्यक्ति क्या समझे ? एशिया को युद्ध से बचाना चाहते हो,तो एशिया के तमाम देशों की पब्लिक को जागरुक होना होगा.देश देश बीच समस्यायों को आपस मे ही सुलझाना होगा .अमेरीका की नियति ठीक नहीं ,वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई भी ईमानदारी से नहीं लड़ रहा है.ओशो ने उसे उसकी ही भूमि पर लताड़ा था,ओशो को उसने जहर जरुर दिया लेकिन सच्चाई को झुठलाया नहीं जा सकता .मै भी कहता हूँ दुनिया का सबसे बड़ा तानाशाह है अमेरीका.उसका जीवन कब तक है?तृतीय विश्व युद्ध के आखिर में तो भारत ,रुस व चीन का त्रिगुट अवश्य नजर आना चाहिए.भारत को गुटनिरपेक्षता तटस्थता गरीब देशो का पक्ष व शान्ति की बात तब तक करती ही रहना चाहिए ,जब तक युद्ध मजबूरी न हो जाए.उसे आम आदमी के लिए विश्व के तमाम देशों की शरहदे खोल देने की वकालत करनी चाहिए.सार्क देशों की एक सेना एक मुद्रा की बात आगे बढ़ाना चाहिए.इस हेतु सरकारोँ को प्रेरित करने के लिए कम से कम मुस्लिम जनता को सड़क पर आना ही चाहिए.पाकिस्तान, अफगानिस्तान ,कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार ,प.बंगाल, बांग्ला देश काफी तादाद में मुस्लिम आबादी है.जो सड़क पर आ जाये तो यह देश संयुक्त हो ही सकते हैं.भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम की तरह मैं इस मुहिम मे भी समर्थन करने के लिए तैयार हूँ .क्योंकि मेरा एक सपना है -अखण्ड भारत . नेता मुलायम सिंह क्या इस मुहिम को आगे बढ़ाना चाहेंगे ?लोहिया का भी तो सपना था-अखण्ड भारत का.नक्सलियों को भी अपने आन्दोलन को हिंसक बनाते हुए इस काम पर विचार करना चाहिए .

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